गांव के बाहर एक साधु रहते थे। अचानक एक दिन एक काली छाया को गांव में जाते देख कर बोले तू कोन वो
बोली मैं मौत हूं अभी जल्दी से कुछ लोगों को मारना है जरा महामारी फैला कर, साधु बोले कितने मरेंगे उसने
कहा हजार एक बस—– कुछ दिन में पता चला करीब बीस तीस हजार मर गए। जैसे ही मौत गांव से बहार जाने
लगी साधु बोले धोखेबाज एक हजार की जगह कितने हज़ार गये। वो बोली मैंने सिर्फ हजार ही मारें है बाकी सब
तो भय से मरे हैं।यही शाश्वत सत्य है। हमें किसी भी मुसीबत से डरना नहीं बल्कि हिम्मत से काम लेना होगा यही
सच्चा संदेश है