इतनी छोटी सी इकलौती में
कितने उतार-चढ़ाव आते रहते,
कभी ये हँसाते, तो कभी रूलाते
कभी संगीत बनकर गुनगुनाने लगते।
कभी दुखों के पहाड़ टूट जाते
कभी खुशी से फूला ना समाते,
एक अलग ही पहल है जीवन की
कभी निराशा में भी आशा जगाते।
इस जिंदगी को यूँ ही मत गवाना
जब जो सिखाए सिख लेना,
चाहे हालातें जैसी भी आ जाए
जिंदगी को रंगहीन मत होने देना ।
इस जीवन के रहस्य को तो
हम भी समझ न पाते,
पर अपने अनुभवों से ये जिंदगी
हमें बहुत कुछ सिखा जाते ।
– वंदना झा