चौदा साल पहले हो गयी कलम से दोस्ती । …….
टूटी फूटी अक्षरों से पक्तियाँ जुड़ गयी। …….
धीरे धीरे सुर मिल गए उन पक्तियोंको । …….
और एक सुन्दर कविता बन गयी । …….
फिर उन टूटी फूटी अक्षरों को सुधार मिल गयी । …….
और लिखते लिखते एक कहानी बन गयी । …….
अब तो कितनी कहानी कितनी कविता । …….
मेरे हाथो से लिख गयी । …….
अब तो ना ठहरेंगे हाथ लिखने के लिये । …….
जो कलम में ने उठा लियी । …….