ये शब्द जितना छोटा है ।
अर्थ उतना हि जेहेरा ।।
प्यार मोहोबत जिसमे सब समाया है ।
जिसने इस जाहन को बनाया है ।।
रब भी उसकी आचल के दीवाने है ।
वो भी माँ के आगे हारे है ।।
इस मतलबी दुनिया मे कोन काहा किसी का सोचता है ।
एक माँ के आगे सब फ़िका है ।।
हर बार मुझे सही राह दिखाती है ।
हिम्मत के साथ साथ अच्छा इंसान बन ना सिखाती है ।।
वो माँ हि होती है जो बच्चों कि खुशी के लिए सब कुछ कर जाती है ।
इस दुनिया से भी लड जाती है ।।
कभी कभी उनकी डाट मे प्यार छुपा नज़र नही आता ।
पर जब भी अन्धेरा हो माँ लफ़्ज़ हि आता ।।
माँ क्या होती है ये
शब्दों मे बता नहि सकते ।
उनका प्यार इस दुनिया के प्यार से मिला नहीं सकते ।।
वो हर बात सेह जाती है ।
हर गाव पे मुश्कान लगा जाती है ।।
खुद जमीन पे सो कर ।
बच्चों को बिश्तर पर सुलाती है ।।
जितनी फ़िक्र मेरी माँ ने कि सयद हि कोई करेगा ।
जरा सी डेरी हो जाए ओर दिखाई ना दु तो ।
यु बात बात पे चिनता कोन करेगा ।।
हर पल रहना मेरे साथ माँ ।
तेरे बिना मेरा कोई नहीं याहा ।।
बिन माँगे रब ने खुद से मिलाया है ।
तुझसे मिला कर सब कुछ भुलाया है ।।
ये शब्द जितना छोटा है ।
उतनी हि बडी है माँ ।।
जिसको लफ़्ज़ मे बयान नहीं किया जा सकता
वो है माँ ।।
जिसकी दुआ कभी खली नहीं जाती ।
अपने बच्चों के लिए सब कुछ कर जाती ।।
उसके बारे में जितना कहो उतना कम ।
माँ कि ममता उसके सिवा दुनिया कि सभी चीज है कम ।।
घर की रोशनी सबको सम्भाल ने वाली ।
मेरी माँ है मेरी रक्षा करने वाली ।।
जब उसकी दुआ मेरे साथ होती ।
तो हर काम थिक हो जाता ।।
वो है हि इतनी प्यारी के ।
उसकी जगह कोई ओर नहीं ले पाता ।।
भगवान हर पल साथ नहीं रह सकता ।
इसलिए उसने माँ बनाई ।।
अपने जरीये हमे इस दुनिया से मिलाई ।।
बिन बोले बात समझ जाती है वो ।
इस दुनिया मे वो हि है जो बिन मांगे खुशीया दे जाती है वो ।।