ख़ुद को पहचान–
चल तुझे तुझसे मिलाकर लाता हूं,
तेरी तुझसे पहचान करवाता हूं
जा देख जाकर आइना एक बार,
और पूछ खुद से,
मैं क्या हूं, मैं क्यूं हूं,
तू योद्धा है ये क्यों भूल गया,
इस भाग दौड़ में पीछे क्यों छूट गया,
चल ढूंढ उस असली मुस्कान को जिसे तेरे चेहरे पे आए एक अरसा गुजर गया,
छोड़ दे कल के बारे में सोचना, और भूल जा जो बीत गया
खोज अपने आपको,सोच उस खाब को,
जो बचपन में देखा था,पर आज देखना भूल गया,
याद कर वो राते,जो तूने सपनो को सच करने में लगा दी,
पर फिर किसी और सुनकर तूने उन सपनो की वॉट लगा दी,
सुन मेरे भाई,अगर भीड़ में रहेगा तो गुम हो जाएगा,
अगर खुद को पहचान गया तो अपना मुकाम खुद बनाएगा,
तो चल खुद को पहचान,
और कर सूरू अपने सपनो की उड़ान,
शुरुआत में गलतियां करेगा,
पर ऐसे ही तो आगे बढ़ेगा,
..
To sun ek aakhri baat
काबिलियत तो इंसान में है इतनी,
कि जननत भी झुका दे.
एक बार पहचान ले अपनी काबिलियत,
तो कुदरत भी हिला दे।
शुक्रिया
कुछ सवाल है —
मैं मूव ऑन कर चुका हूं, उन सब पुरानी बातों से,
हां मैं मूव ऑन कर चुका हूं,वो सारी तेरी यादों से
पर कुछ सवाल है जो आज भी मेरे जहन में जिन्दा है ,
उनका जवाब किससे पूछूं, कैसे पूछूं,कुछ समझ नहीं आता है
कुछ बात तो थी तुझमें जो ये दिल आज भी तुझे चाहता है
ना बिलकुल नहीं, अब वापस से मुझे उस दरिया में नही जाना है, बहुत मुश्किल से किनारा पाया है फिर नहीं उसमे गोता लगाना है
अब एक नई कश्ती बनानी है और ख़ुद की एक हस्ती बनानी है
सवाल अल्फ़ाज़ सब अब दफ्न हो गए हैं मेरे अंदर
राहत तो मिल गई है पर दर्द आज भी हो उठता है
पहले जब भी सोचता था तेरे बारे में मेरा चहरा खिल उठता है
बस एक गम दिल में रहेगा कि, काश मैंने एक तुझे कहा होता
पर छोड़ो अब जो भी है सही है, मैंने जो किया सही किया,और तुमने जो किया बहुत अच्छा किया
हां.. आंसू आ जाते है कभी सोचते हुए ,पर छोड़ो,अब कर भी क्या सकते है,मुझ में ही शायद कोई कमी होगी और वज़ह भी क्या बता सकते है
पर कुछ सवाल है,जो मुझे पूछने है,अगर कभी हालात या वक्त बना वैसा,तो पूछ लेंगे चाहे जैसा।
हां, भगवान जो करता है अच्छा करता है,इसका भी कोई ब्राइट साइड होगा
आज नहीं तो कल मेरा भी टाइम होगा
पर तुम शायद समझ नहीं पाए मेरे अंदर के इन्सान को,
या फिर समझ कर भी ना समझा तुमने मेरे प्यार को
ऐसे कुछ सवाल और है जो मेरे अंदर अभी बाकी है
पर चलता है जिन्दा रहने के लिए कुछ राज ही काफी है