सोच के सागर में डूब कर मोती सा विचार मुझे चुन लना हैं
कभी शायर, कभी कवि, तो कभी लेखक हर रूप मुझे पाना हैं
अपने विचारों और कलम से मुझे विश्व क्रांति कर के दिखाना हैं
हा मै एक लेखक हूं मुझे अपनी सोच से तुम्हें दंग कर दिखाना हैं
शब्दों को शक्ति और कलम को तलवार मुझे बनाना हैं
इनके ही सहारे अब सारी दुनियां को मुझे झुकाना हैं
हा मै एक लेखक हूं मुझे अपनी सोच से तुम्हें दंग कर दिखाना हैं
सोच के सागर में डूब कर मोती सा विचार मुझे चुन लना हैं