मैं चाहूंगा कि
लोग मुझसे आ कर मिले
मुझसे बातें करे,
अच्छी या बुरी ,पर करें।
गर मोहब्बत हो तो
इजहार करें
और जो नफ़रत तो
इंकार करें।
मगर ये सब तब करें
जब मैं ज़िन्दा हूँ।
मेरे मरने के बाद
कोई ये ना कहे के
आदमी अच्छा था,
न मुझसे झूठी मोहब्बत दिखाये
न सच्ची हमदर्दी।
क्योंकि मरने के बाद
मैं किसी को हासिल नहीं होने वाला।
©puru_thesoulful_writer