लोग कहते हैं कि सैनिक मर गये
सैनिक मरते नहीं शहीद हुए
जरा सम्भल कर बोलिए
सैनिक और किसान कभी मरते नहीं है
वो तो वतन के लिए शहीद होते हैं
एक किसान और सैनिक कैसे बनता है
शायद तुमने देखा नहीं है
सैनिक बनना आसान नहीं है
सुबह चार बजे उठना पड़ता है
मिलों दौड़ना और व्यायाम करना पड़ता है
दिन भर कठिन मेहनत करता है
अपने शरीर को वज्र बनाना पड़ता है
फ़ौज कि भर्ती आसान नहीं है
१६०० मीटर दौड़ ४से५ मिनट में पुरी करनी होती है
सफल हो गए तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता है
फिर एक नई जिंदगी की शुरुआत होती है
प्रशिक्षण के वो छ: महीने के कठिन और मुश्किल परिक्षण देकर एक सैनिक बनता है
वो फौलाद बन जाता है जो बॉर्डर पर रक्षा करता है
ये होती है सैनिक कि जीवन शैली
जब आर्मी भर्ती होती है उसकी पहली
किसान भी एक सैनिक है
त्याग और बलिदान ये भी करते हैं
खेत और बोर्डर में ज्यादा फर्क नहीं है
किसान अपना सर्व समर्पित कर देता है
मिट्टी को अपने पसीने से सिंच देता है
ख़ुद भुखा रह जाता है देश का पेट भरने के लिए
ख़ुद नहीं होता है देश को भुखा नहीं सोने देता हैं
कुर्सी के ठेकेदार कुछ भी बोल देते किसान और जवान के लिए
किसान और सैनिक सब कुछ त्याग देता है
अपने देश और देशवासियों कि खातिर
क्यों इनके बलिदान, त्याग, समर्पण को तुम भुल जाते हो
कुछ भी बोल जाते हो तुम अपनी कुर्सी बचाने के खातिर
सैनिक और किसान कि शहादत को तुम मौत बोल जाते हो
ये शहादत ऐसी होती है जनाब
जहां हर देश भक्त रोता है
जब किसान और सैनिक शहीद होता है
तुम सिर्फ राजनीति करते हो
सोचा है वो परिवार केसे जीता होगा
जिसने अपना चिराग खोया हो
सोचा उस घर का चुलहा केसे जला होगा
जहां मां ने अपना लाल खोया हो
किसान और सैनिक को सम्मान दो
इनकी मौत नहीं उसे शहादत कहो
छोड़ो ये राजनीति करना हर जगह
सोच तो लो अभी खड़े हो किस जगह
भुलना मत आजादी को
फांसी चढ़ना पड़ा न जाने कितनों को
सैनिक घर छोड़ गया
किसान सब कुछ भुल गया
बस देश को बचाने को
वचा सकते हो तुम
किसान कि आत्महत्या
क्यों भुल जाते हो
किसान कि मेहनत को
क्यों भुल जाते हो
सैनिक कि शहादत को
वो रक्षक है हमारे
वो पालनहार है हमारे
जय जवान, जय किसान
जैसे नारे है हमारे
क्या चाहते हैं तुम से ये
बस इतना ही करना है
इनका परिवार ना रोए
कुछ तो तुम दे सकते हो
चलो छोड़ो सम्मान तो दे ही सकते हो
मत भुलना तुम यह बात
एक देश का पालन करता है
मत भुलना तुम यह बात
दूसरा देश कि रक्षा करता है
जिस दिन हो गये दोनों अपने फर्ज से दूर
सोचो तुम्हें को बचाएगा
तुम ना होना अपने फर्ज से दूर
जय जवान जय किसान कहना
तुम्हारा सम्मान होगा
इस वतन कि किसान और जवान ही तो सुरक्षा करता है
एक बोर्डर पर रहता है
और एक खेत में दिखता है
भुलना मत
ये देश इनसे ही चलता है
परिश्रम और त्याग करते हैं
तब सैनिक बनते हैं
भुख में मेहनत करतें हैं
उन्हें ही तो किसान कहते हैं
जय जवान जय किसान