दीवाली आई संग यादें लाई
दीवाली आने वाली है संग खुशियां लाने वाली है
पर ढेरों काम भी करवाने वाली है
सबसे पहले घर के कोने कोने की सफाई करनी है
आज स्टोर रूम का नंबर है अरे वो कोने में क्या है
मेरा पुराना स्कूल बैग, मन फिर किसी बच्चे सा हो
चला है, भूल गया सारी थकान क्यों ना फिर से
छेड़ी जाए पुराने सुर पुरानी तान
अरे ये तो हिंदी कि किताब है सरस जिसे पढ़ के
जनी थी मीरा की भक्ति और कबीर के दोहे
इसके बाद यादों की पोटली से क्या निकला
R D sharma की मैथ्स की बुक
जो पढ़ने के कम और तकिया बना के सोने के ज्यादा
काम आती थी
और इसके बाद क्या उगला इस यादों के पिटारे ने
ओह ये तो सबसे प्यारी चीज़ है स्लैम बुक
याद है मुझे किस तरह दसवीं के आखरी गेम्स के
पीरियड में जब सब खेल रहे थे तो सबसे नज़रे
बचा के पेट में दर्द का बहाना बना के तुमसे भरवाई
थी ये स्लैम बूूक, जब उसमें आखिरी सवाल का जवाब
देना था who is you favourite person?
और तुमने मुस्कुरा के मेरी ओर देखा था और लिख दिया था it’s you only you
मेरा दिल ज़ोर से धड़का था, और सांसे तेज हो गई थी
जैसे कोई मन मांगी मुराद पूरी हो गई हो
कितने प्यारे दिन थे वो
कितने प्यारे दिन थे वो और कितनी छोटी छोटी ख्वाहिशों में खुश हो जाते थे हम
तभी एक आवाज़ से मेरा ध्यान टूटा मेरे पति स्टोर रूम
के गेट पर खड़े थे और ना जाने कितनी देर से मुझे देख रहे थे,
वो मेरे पास आए और कहा ” for me today also it’s you only you”
और मुझे गले से लगा लिया।